कितने वषोॆं की तपस्या के बाद
अब वह दिन आने वाला है ।
जब मेरे ख्वाबों का आशियाना
एक ऊँची उङान भरने वाला है।
वह दिन आने वाला है।
अब वह आसमां में उङेगा ,
बादलों को छूएगा,पंछियों संग खेलेगा,
हवाओं संग नाचेगा ,बूँदों संग गाएगा,
बहुत कुछ अब बदलने वाला है।
वह दिन आने वाला है।
अब वह सूयॆ की भाँति चमकेगा,
चन्द्रमाँ की तरह अपनी शीतलता बिखेरेगा,
और पवन के वेग से आगे बढ़ेगा,
अब वह बहुत आगे जाने वाला है।
वह दिन अब आने वाला है।
लाखों वीरों की आत्माओं को शांति मिलने वाली है,
उन सबके सपनों को उङान मिलने वाली है,
सबके आशियानों का घर अब संवरने वाला है,
अब वह दिन आने वाला है।
अब हर तरफ उसी के चर्चे होंगे ,
हर कान में उसी की गूँज होगी ,
लोग उसके सुनहरे इतिहास को दोहराएँगे,
अब उसकी प्रगति की गाथा सब गाएँगे,
इस बार इतिहास बदलने वाला है।
वह दिन आने वाला है।
मेरे ख्व़ाबों के आशियाँ को तुम ,
कश्मीर की वादियों से सजा दो,
आज मेरी भारत माँ को तुम ,
तमाम प्रकृति की सुंदरता ओढ़ा दो,
आज मेरे भारत को तुम ,स्वर्ग से भी सुंदर बना दो,
क्योंकि अब मेरा भारत सबसे उँची उङान भरने वाला है।
वह दिन आने वाला है।
Deepali Jangra
Bsc. Physics H